करना है तो करना है

मै हमेशा कहता रहता हूं कि किन आदतों को अपनाकर सफल हो सकते है , किस आदत को छोड़कर हम बेहतर हो सकते है, ये
सफल होने वाला व्यक्ति अच्छे से जानता है ।

परन्तु सच्चाई ये है कि 100 में से 90 ऐसे लोग जो जानते है कैसे सफल हो सकते है अपने किसी कार्य में सफल नहीं होते है ।

तो असल बात ये है कि जानने से कुछ नहीं होता कि सफलता कैसे मिलती है, क्यूं मिलती है ।

जो लोग काम करते है रिजल्ट देते है वो ही सफल माना जाता है,,
तो मुद्दा अब ये आता है सबके साथ कि मै सोचता तो हूं कि ये करूं पर शुरू नहीं हो पाता है ,

यह एक सामान्य सी बात है जो हम सबके साथ होता है कि हम करना तो बहुत कुछ चाहते है पर असल में कर नहीं पाते हैं और कुछ लोग चाहते है वो आपके देखते ही देखते पा लेते है ।

जैसे मुझे एक किताब पढ़ना है डिसाइड करते है, कि इसे इतने दिनों में पूरा कर लूंगा पर कुछ काम आ जाता या थोड़ा आराम करलू, या थोड़ा टीवी देख लूं या उस किताब को छोड़ के कोई और किताब पढ़ने लग जाते है ।

ज़िन्दगी में सफलता ऐसे हासिल नहीं कि जाती है , तो आखिर क्या बात है जो हर सफल व्यक्ति में होता है जो उसे बुलंदियों के ऊंचाई में ले जाता है.. ?

चाहे वो सेहत के मामले में हो ,
चाहे वो रिश्तों की बात हो,
चाहे वो कैरियर की बात हो,
चाहे वो जॉब कि बात हो,

चलिए कैसे होता है ये..आप अपने मम्मी से सीख सकते है,

इसका सबसे अच्छा उदाहरण हम सब बचपन से अपने घरों में देख रहे है , इस सोच का सबसे अच्छा पालन हम सबके मां और पापा करते हैं ।

चलिए समझाता हूं..

बचपन में बच्चा चाहे रात के 2 बजे उठे या उसे सुबह के 4 बजे भूख लगे इसके लिए मां उठेगी ही वहां आलस्य, नींद, चिंता , सुख, दुःख कोई मायने नहीं रखती । मां वो जानती है, इसीलिए वो सबसे सफल है ।

मतलब हमारे शरीर में संभावना बहुत है, कुछ भी असंभव नहीं..वह बात जो हमे सफलता दिलाती है वो सोच वो जो हम निर्णायक साबित करता है.. वो निम्न शब्दों में है.. “है तो है”

मतलब

“करना है मतलब करना है” ..

चलिए कैसे देखते है..

मेरा एक दोस्त बहुत दिनों से सुबह उठने की कोशिश कर रहा था ,, पर उठ ही नहीं पा रहा था । सुबह 5 बजे का उगता सूरज देखना था उसे पर सुबह उठें तो आलस..

एक दिन उसने सोच ही लिया कि मुझे सुबह का सूरज उगते हुए देखना ही है ।पता है वो ठान लिया कि करना है मतलब करना है और रात भर सोया ही नहीं । सफलता ऐसे दृढ़संकल्प दिलाती है ,,कोई और ऑप्शन नहीं होता वहां फिर ..,

उस रात उसने सुबह का सूरज देखने के बाद हि माना,भले ही दोपहर को सो गया ।

मै बार बार कहता हूं आप सबको और खुद को भी कि करना चाहो तो हर चीज कर सकते हो ।

बस निर्णय कर लो कि करना है तो करना है ।

ये दृणसंकल्प करना ही होगा , बाकी सब बहाने है ।

कहते है ना..
ज़िद करो दुनिया बदलो

पर मै चाहूंगा की इसे ज़िद का नाम ना दे ।

जिद में अहंकार और अज्ञानता हो सकती है और इसके बिना ज़िद फिर ज़िद नहीं वो तो दृण संकल्प हो जाती है क्यूंकि ज़िद में तो बच्चा रोता है तो कोई ज़िद में अपना नस काट लेता है ।
पर दृढ़ संकल्प में तो लोग इतिहास रचते है ।

इसे ध्येय वाक्य बना ले..
कोई बहाना नहीं,
है तो है
करना है तो करना है

पहले सोच विचार करे कि आपका लक्ष्य क्या है,….वो

चाहे सेहत बनाना हो..
कुछ सीखना हो..
सुबह उठना हो..
कुछ तैयारी करना है..
कुछ बनके दिखाना हो..
रिश्ते निभाना हो..
अच्छे मां ,बाप या बेटा बेटी बनना हो..

कोई ऑप्शन मत रखो बस

करना है तो करना है ,

यकीनन ऐसे लोगो के साथ किस्मत भी साथ देती है । मैंने ऐसे होते देखा है ।

यकीनन आपके अंतर्मन में ठान ले तो कुछ भी असंभव नहीं

मैंने कई बार महसूस किया है की चाहे वो हमारे मैम हो, मेरे क्लासमेट हो, मेरे जूनियर्स हो …आप सबने कई बात ऐसा किया है कई क्षेत्रों में मैंने देखा है …

सोचे समझे विचारे और फिर ठान लें

करना है तो करना है ।

बाकी कुछ असंभव नहीं ..

Source

मेरे एक दोस्त के विचार व अनुभव

आपका दिन शुभ हो …🐢

🌞